उजड़ रहा है लोगों का घर विश्राम अभी बाक़ी है। उजड़ रहा है लोगों का घर विश्राम अभी बाक़ी है।
मेरे मन की बात मेरे मन की बात
मुकद्दर ने हमें कभी, रुलाना नहीं छोड़ा। मुकद्दर ने हमें कभी, रुलाना नहीं छोड़ा।
तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर
मेरे दर्द मे तेरा तड़पना बिन गलती के खुद को कोसना कामों को करने से तेरा फिर रोकना मेरे दर्द मे तेरा तड़पना बिन गलती के खुद को कोसना कामों को करने से तेरा फिर...
ये वादें तोड़ नहीं मैं सकता वादें करने में अजीब लगता है। ये वादें तोड़ नहीं मैं सकता वादें करने में अजीब लगता है।